इस बार 1-2 नहीं, बल्कि 3 दिन होगा जन्माष्टमी का त्योहार

इस वर्ष (2017) में भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव 1 या दो दिन नहीं बल्कि पूरे 3 दिन मनाया जाएगा। जी हां- इस बार अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र एक साथ न होने के कारण जन्माष्टमी के इस पर्व को किस दिन मनाया जाना उचित है, इसमें असमंजस बना हुआ है।
लेकिन पंडितों की मानें तो इस बार 148 वर्ष बाद बन रहे योग के कारण 3 दिन तक अलग-अलग जगहों पर जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। हालांकि यह 14 सोमवार से शुरू हो जाएगी।
शास्त्रों की मानें तो, श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, लेकिन इस बार यह दो से तीन दिन के संयोग को मिला कर बन रहा है जिससे किस दिन कृष्ण जन्मोत्सव तीन दिन तक मनाया जा सकता है।
कुछ पंड़ितों के मतानुसार, अष्टमी की तिथि 14 अगस्त को शाम 5:40 से लग रही है। जो कि अगले दिन मंगलवार 15 अगस्त को दिन में 3:26 तक रहेगी। इसका पारन 15 अगस्त को होगा।
इसके अलावा रोहिणी नक्षत्र 15-16 अगस्त को रात 1 बजकर 27 मिनट से लग रहा है। जो कि 16 अगस्त की रात 11 बजकर 50 मिनट तक चलेगा। साथ ही 14 अगस्त को स्मार्त जन्माष्टमी और 15 अगस्त को वैष्णव जन्माष्टमी मनाई जाएगी।
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