केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह बोले- स्कूलों में बंद होनी चाहिए डार्विन थ्योरी, बंदर नही था इंसान
केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने डार्विन की उस थ्योरी को नकार दिया है जिसमें ये कहा गया है कि इंसान पहले बंदर था। सत्यपाल सिंह ने ये भी कहा है कि स्कूलों में डार्विन की ये थ्योरी पढ़ाई जाती है जिसे बदल देना चाहिए। बीजेपी मंत्री ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले हजारों लाखों वर्षों में ये बात सिद्ध हो चुका है कि इंसान बंदर नहीं था। हम जब से किताबें पढ़ रहे हैं, दादा-दादी और नाना नानी से कहानी सुनते आ रहे हैं लेकिन आज तक कभी किसी ने ये नहीं बताया कि उसने इंसान को जंगल में जाते देखा या फिर किसी बंदर को इंसान बनते देखा। सत्यपाल सिंह ने कहा कि डार्विन की ये थ्योरी जो कहती है कि इंसान की उत्पत्ति बंदर से हुई है वो सरासर गलत है। स्कूलों में इसे पढ़ाया जाता है जिसे बदलने की जरूरत है। सत्यपाल सिंह ने डार्विन थ्योरी को नकारते हुए आगे कहा कि जबसे इस धरती पर आदमी आया, शुरू से ही आदमी है और यहां आदमी ही रहेगा। बीजेपी मंत्री ने ये बातें महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में पत्रकारों से बात करते हुए कहीं।
बीजेपी के मंत्री सत्यपाल सिंह के तर्क सुन उनसे एक पत्रकार ने सवाल पूछ लिया कि तो क्या ये बातें किताबों में भी डाली जाएंगी। इस सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जी हां स्कूलों के किताबों और कहानियों में भी लिखा जाना चाहिए कि इंसान पहले बंदर नहीं था। सत्यपाल सिंह ने मीडिया से कहा कि शायद आप लोगों को पता नहीं होगा लेकिन आज से 35 साल पहले ही विदेशों में हमारे भारतीय वैज्ञानिक ये सिद्ध कर चुके हैं कि इंसान बंदर नहीं था।
Aurangabad | BJP Minister Satyapal Singh Challenged Darwin Law https://t.co/OVIEP68FxU via @YouTube @HRDMinistry @dr_satyapal
— Office Of Dr. Satya Pal Singh (@OfficeOfSPS) January 20, 2018
आपको बता दें कि सत्यपाल सिंह पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं। वह जब मुंबई पुलिस कमिश्नर थे तब अपनी मॉरल पुलिसिंग के लिए काफी चर्चित थे। नौकरी से रिटायर होने के बाद सत्यपाल सिंह ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली। 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्हें बीजेपी ने बागपत से टिकट दिया। बागपत से सांसद चुनकर आए सत्यपाल सिंह को कैबिनेट में शामिल किया गया और उन्हें मानव संसाधन मंत्रालय में राज्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई।
via Manju Raj Patrika
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